Teachers New Orders: अब तक आपने स्कूलों में केवल छात्रों को यूनिफॉर्म में देखा होगा, लेकिन अब शिक्षकों के लिए भी यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। चंडीगढ़ ने इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत करते हुए देश का पहला शहर बनने का गौरव हासिल किया है, जहाँ सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षक यूनिफॉर्म में नजर आएंगे। इस नए आदेश के तहत शनिवार से सभी 115 सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए यूनिफॉर्म लागू हो गई है।
महिला और पुरुष शिक्षकों के लिए तय हुआ अलग ड्रेस कोड
नई व्यवस्था के अनुसार, महिला शिक्षिकाओं को साड़ी या डिजाइन की गई सलवार-कमीज पहनने की अनुमति दी गई है, जबकि पुरुष शिक्षकों के लिए पैंट और शर्ट पहनना अनिवार्य किया गया है। इस ड्रेस कोड का उद्देश्य स्कूलों में प्रोफेशनल वातावरण तैयार करना और शिक्षकों के बीच एक समानता की भावना को बढ़ावा देना है।
गुलाब चंद कटारिया ने किया Teachers New Orders का शुभारंभ
चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस नई पहल का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि Teachers New Orders के तहत लागू ड्रेस कोड से स्कूलों में अनुशासन, सम्मान और पेशेवर माहौल को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, यह निर्णय शिक्षकों में एकजुटता और गौरव की भावना को भी बढ़ावा देगा।
क्यों जरूरी था Teachers New Orders लागू करना?
गुलाब चंद कटारिया के अनुसार, एक समान ड्रेस कोड से न केवल स्कूलों का माहौल पेशेवर बनेगा बल्कि शिक्षकों की छवि भी और अधिक सशक्त होगी। इससे छात्रों के बीच भी शिक्षकों के प्रति सम्मान की भावना बढ़ेगी और स्कूलों में एक अनुशासित वातावरण का निर्माण होगा।
नए सत्र से सभी स्कूलों में अनिवार्य होगा ड्रेस कोड
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि ग्रीष्मावकाश के बाद, जब नया सत्र शुरू होगा, तब तक सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया जाएगा। शिक्षकों को समय से पहले उनकी यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाएगी ताकि नए सत्र से वे निर्धारित ड्रेस कोड का पालन कर सकें।
निष्कर्ष
चंडीगढ़ में लागू किए गए Teachers New Orders न केवल राज्य के शिक्षा ढांचे को एक नया आयाम देंगे, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण भी स्थापित करेंगे। यह पहल भविष्य में अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाई जा सकती है, जिससे सरकारी स्कूलों की छवि और शिक्षा का स्तर और अधिक सशक्त होगा।