राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसके अंतर्गत राज्य के 9 जिलों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। इस बदलाव के तहत दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, अनूपगढ़, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण और सांचौर जिले खत्म किए जाएंगे। इन जिलों का प्रशासनिक विभाजन और कार्यप्रणाली में बदलाव किया जाएगा, और ये जिले अब अन्य समीपवर्ती जिलों में समाहित हो जाएंगे।

किस जिले से जुड़ेगा कौन सा क्षेत्र?
राजस्थान सरकार द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, जो जिले समाप्त होंगे, उनके अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को पास के अन्य जिलों में मिलाकर नए प्रशासनिक ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य राज्य के प्रशासनिक तंत्र को सुदृढ़ करना, प्रशासनिक खर्चों में कमी लाना और जनसंख्या वृद्धि को बेहतर तरीके से संभालना है।
- दूदू और केकड़ी – ये जिले अब जयपुर जिले में शामिल किए जाएंगे।
- शाहपुरा और नीमकाथाना – शाहपुरा को भी अब जयपुर जिले के अंतर्गत समाहित किया जाएगा, जबकि नीमकाथाना को सीकर जिले में मिलाया जाएगा।
- अनूपगढ़ – इस जिले को श्रीगंगानगर जिले में जोड़ने का प्रस्ताव है।
- गंगापुरसिटी – गंगापुरसिटी को सवाई माधोपुर जिले में शामिल किया जाएगा।
- जयपुर ग्रामीण – यह क्षेत्र अब जयपुर जिले के हिस्से के रूप में कार्य करेगा।
- जोधपुर ग्रामीण – जोधपुर ग्रामीण क्षेत्र को जोधपुर जिले में समाहित किया जाएगा।
- सांचौर – सांचौर को अब सिरोही जिले में जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
यह बदलाव क्यों किया जा रहा है?
राजस्थान सरकार के इस कदम के पीछे कई कारण हैं, जिनमें मुख्य रूप से:
- प्रशासनिक सुधार: छोटे जिलों के कारण प्रशासन में जटिलता बढ़ती है और इसके साथ ही संसाधनों की कमी होती है। बड़े जिलों के गठन से प्रशासन को बेहतर तरीके से चलाया जा सकेगा।
- विकास की गति बढ़ाना: छोटे जिलों में विकास कार्यों को नियंत्रित करना कठिन होता है। जब इन जिलों को बड़े जिलों में शामिल किया जाएगा, तो विकास कार्यों की गति तेज़ हो सकती है।
- संसाधनों का अधिकतम उपयोग: छोटे जिलों के मुकाबले बड़े जिलों में संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित विकास हो सकेगा।
लोगों पर असर
यह बदलाव जिले के निवासियों के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर दोनों लेकर आ सकता है। प्रशासनिक संरचनाओं में बदलाव के कारण स्थानीय अधिकारियों के कार्य क्षेत्र में विस्तार होगा, वहीं कुछ सेवाओं और सुविधाओं में भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है। हालांकि, यह परिवर्तन समय के साथ सुलझने की संभावना है।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार द्वारा 9 जिलों को समाप्त करने का निर्णय एक बड़ा प्रशासनिक सुधार साबित हो सकता है। यह निर्णय राज्य के विकास को गति देने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसके प्रभाव का सही मूल्यांकन आने वाले समय में ही किया जा सकेगा, लेकिन यह बदलाव राजस्थान के लोगों के लिए बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था की ओर एक कदम हो सकता है।